मैं 1947 का हिन्दुस्तान बोल रहा हूं:अंग्रेज हार मान चुके थे, सब जश्न में थे, पर जिन्ना मेरे टुकड़े करने को आमादा थे

मैं 1947 का हिन्दुस्तान बोल रहा हूं:अंग्रेज हार मान चुके थे, सब जश्न में थे, पर जिन्ना मेरे टुकड़े करने को आमादा थे

मैं 1947 का हिन्दुस्तान बोल रहा हूं:अंग्रेज हार मान चुके थे, सब जश्न में थे, पर जिन्ना मेरे टुकड़े करने को आमादा थे