डॉ. घुम्मन की बुक रिलीज:परमप्रीत बोलीं- 'मेरी पहचान किसी की मोहताज नहीं, हिन्दी से लगाव ने काव्य की दुनिया से रूबरू कराया'

पहली कविता को देशभर में तीसरा इनाम मिला था, उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा
डॉ. घुम्मन की बुक रिलीज:परमप्रीत बोलीं- 'मेरी पहचान किसी की मोहताज नहीं, हिन्दी से लगाव ने काव्य की दुनिया से रूबरू कराया'
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